Friday, September 5, 2008

ये टीवी की दुनिया है...

टीवी की दुनिया मायावी है। मनोरंजक है। यथार्थ है। यथार्थ का दिखावा है...और भी बहुत कुछ है। ये हमारी जिंदगी का हिस्सा है और हम इसे दरकिनार नहीं कर सकते। दुनिया भर के चैलन हमारे आपके ड्राइंगरूम में दिन-रात बजते रहते हैं। बहुत से न्यूज चैनल देश-दुनिया से आपको जोड़ने के लिए चौबिसों घंटे हाजिर हैं। मनोरंजन के लिए सीरियल, किसिम-किसिम के रिएलिटी शो तकरीबन हर एंटरटेनमेंट चैनल पर दिखाए जा रहे हैं। स्थानीय भाषा के चैनल और लोकल केबल ऑपरेटर भी पीछे नहीं हैं। फिरंगी चैनल भी हमारे-आपके ड्राइंगरूम में जगह पा चुके हैं। साथ ही बच्चे कार्टून चैनल्स के आदी हो चुके हैं।
इनमें बहुत कुछ ऐसा है जो आप पसंद करते होंगे...बहुत कुछ ऐसा भी होगा जिसे देखकर आप तौबा-तौबा करने लगते होंगे। कुछ ऐसा भी होगा जो आप देखना चाहते होंगे...मगर दिखाया नहीं जाता होगा। ये आपका ब्लॉग है। टीवी पर आप क्या देखना चाहते हैं और क्या नहीं देखना चाहते हैं। आपको क्या पसंद है और क्या पसंद नहीं है। आप अपने इन सब विचारों को इस ब्लॉग में बेधड़क लिख सकते हैं। मकसद एक स्वस्थ बहस शुरू करने का है। इसलिए जानबूझकर किसी भी किस्म के चैनल या कार्यक्रम के बारे में मैंने अपने विचारों को जगह नहीं दी है। आप जिस राह इस ब्लॉग को ले जाएंगे... ये उसी राह जाएगा। उम्मीद है कि आप टीवी की दुनिया के बारे में अपने विचारों को इस ब्लॉग में जरूर जगह देंगे।

3 comments:

Unknown said...

भास्कर बाबू आपने बहुत सार्थक कदम उठाया है। उम्मीद है कि आप इसे आगे भी कायम रखेंगे। हमारी शुभिच्छा आपके साथ है।

36solutions said...

बहुत सुन्‍दर प्रयास है भास्‍कर भाई, ब्‍लाग अच्‍छा है फीड सब्‍सक्रिप्‍शन के दो विजेट लगें हैं उसे एक कर लेंवें, बाकी अतिरिक्‍त विजेट या नये वेबसाईड जैसे लगते टेम्‍पलेट चयन के विकल्‍पों का आप, अपनी रूचि अनुसार प्रयोग कर सकते हैं ।

निरंतरता बनायें रखें एवं हिन्‍दी फीड एग्रीगेटरों में इसका पंजीयन करा लेंवें ।


और हां ये वर्ड वेरीफिकेशन हटा लेंवें (लागईन-डेशबोर्ड-सेटिंग-कमेंट-वर्ड वेरीफिकेशन-नो)

Bhupen said...

अगली पोस्ट भी लगाओ गुरु.निरंतरता ज़रूरी है.